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Saturday, December 6, 2008

खेल से खिलवाड़

50-50 की जगह रास आने लगा है 20-20
20 से पहले 4(420) न लगने देना
पड़ा हुआ है बूढाभी निढाल हस्पताल में दिल के दौरे से
खेल-तमाशे में भरी दुनिया को रोने मत देना।
खेलना--जी-जान से खेलना
क्रिकेट को हॉकी-कबड्डी की गति मत देना।
यह भात्रत है-- विश्व-बंधुत्व की बात करता है,
ख़ुद की कीमत पर दूसरे को गले लगाता है,
शान्ति-प्रिय है-- दूसरा गाल भी आगे करता है,
और भी-- द्रौपदी को हार कर धर्मराज कहलाता है;
चट्टानी संस्कृति है, पिघलने मत देना।

3 comments:

  1. the symbolism used in this poetry b-hut achi lagi. dharam raj, aur chattan

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  2. madhuri ji bahut khoob
    20 से पहले 4(420) न लगने देना
    sahi kaha aapne

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  3. हम्म..पिघलने मत देना :)

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